सोमवार, 20 जून 2016

कबीर जयंती और देव स्नान पूर्णिमा की शुभकामना :कबिरा खड़ा बाजार में लिए लुकाठी हाथ



आज 20 जून 2016 है।

देव स्नान पूर्णिमा तिथि ।

भारतीय समाज के मध्यकाल के अंधकारमय युग में

मानव समाज के   हर तरह के अंधेरे पक्ष को दूर करने वाले व्यक्ति

संत कबीर दास   की जयंती  है आज।

इस दिवस को हैप्पी बर्थ डे के रूप में कोई मना रहा है आज ?

बस समाज के एक सीमित तबके के लोग जो अपने आप को कबीर पंथी मानते हैं।

क्या बस इतने ही लोग ?

नहीं नहीं ......

कुछ और लोग तो होंगे जरूर

एक तो मैं ही हूं ।

और एक आप भी तो हैं ।।

और फिर तीसरे की जरूरत क्या है ??

तीसरा तो बाजीगर है।

बाजीगर डमरू बजा रहा है और डमरू के पीछे भीड़ खडी है।

डमरू की डिम, डिम मोहक है
बाजीगर की ता धिन आकर्षक है
और बाजीगर के इरादे भी तो नेक  हैं

क्या वाकई ???????

ऐसे में कबीर को भूल जाएं तो क्या बुरा है ?

वह कबीर जो खुले आम कहता है

अलख निरंजन लखे नहीं    

कबिरा खड़ा बाजार में लिए लुकाठी हाथ जो घर जारे आपना चले हमारे साथ

और भी बहुत कुछ कहता है कबीर

समकालीन समाज के हर अंधेरे पक्ष को चुनौती देता है

 अंधेरे को उजाले में बदलने की चाबी देता है

आइए

जब  देश और दुनिया में अंतर राष्ट्रीय योग दिवस की धूम है

तरह तरह के बाजीगर
अपने अपने डमरू के साथ योग बेचने और खरीदने में लगे हैं

वैसे माहौल में

योग के साधक कबीर को याद करें

कबीर .....जो हर युग में जन्म लेता है

कबीर..... जो तन मन के हर अंधकार को दूर कर सकता है
कबीर की उलट बांसियों को समझने की कोशिश कीजिए

कबीर से जुड़ियेगा ,

तो तन और मन की झीनी चदरिया को समझिएगा
इंगला पिंगला ताना भरनी को
अपने  सांसों की सरगम बना  कर
सुखमन तार से
अपने  तन को स्वस्थ बनाइगा
मन को हर पल आनन्दित रखिएगा

कबीर का तन 120 साल तक भारतीय समाज को रौशन करता रहा

उनकी साखियां और वचन
हर मानव तन
स्त्री-पुरुष को  120 साल तंदुरुस्त रखने में सक्षम हैं।

कबीर से जुड़िए

कबीर के साथ चलिए
अपनी सांसों की सरगम को छेड़िए
इड़ा पिंगला सुषुम्ना  साज़ पर..........

कबीर जयंती हम सबके लिए कल्याणकारी हो

Wish you all a very happy Kabir Jayanti. 

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