शुक्रवार, 24 जून 2016

ई यू बिखराव शुरु, ब्रिटेन ने दिखायी राह 52% लोग अलगाव के पक्ष में, प्रधानमंत्री कैमरन ने पद छोड़ने का ऐलान किया

ब्रिटेन में गुरुवार 23 जून 2016 को यूरोपीय संघ में बने रहने या अलग होने के लिए हुए जनमत संग्रह में 51.9% लोगों ने अलगाव के पक्ष में मत डाला जबकि 48.1%  नाता जोड़े रहने के पक्ष में थे। अब औपचारिक रूप से पूर्ण बहुमत के साथ ब्रिटेन यूरोपीय संघ से अलग होगा। प्रधानमंक्षी डैविड केमरन की लगातार अपीलें मतदाताओं को लुभा ना सकीं और अधिकांश लोगों ने अलगाव पसंद किया।

स नतीजे के साथ ही यूरोपीय संघ में टूट का सिलसिला भी शुरू हो गया है । ब्रिटेन के नतीजे आने के साथ ही कई अन्य देशों में जनमत संग्रह की मांग तेज हो गयी है। फ्रांस में नेशनल फ्रंट की नेता मरीन ली पेन ने फ्रांस और नीदरलैंड  में आव्रजन नीति विरोधी राष्ट्रवादी नेता गर्ट विल्डर्स ने नीदरलैंड के यूरोपीय संघ से अलग होने की मांग तेज कर दी है। ब्रिटेन के नतीजों से उत्साहित होकर दोनों नेताओं ने अपने अपने देशों में तत्काल जनमत संग्रह का आह्वान किया है। इसके प्रबल आसार हैं कि आने वाले दिनों में कई और देश यूरोपीय संघ से अलग होंगे और 28 देशों का यह संगठन आखिरकार पूरी तरह बिखर जाएगा। 

जनमत संग्रह में लंदन, स्काटलैंड और उत्तरी आयरलैंड में अधिकांश लोग संघ में बने रहने के पक्ष में थे जबकि वेल्स सहित इंगलैंड के अधिकांश लोगों ने अलगाव का फैसला किया। ब्रिटेन की कुल आबादी, लगभग सवा चार करोड़ में से  लगभग तीन करोड़ मतदाता अपने घरों से बाहर निकल कर मतदान केन्द्र तक पहुंचे और बावन प्रतिशत लोगों ने ब्रिटेन के नए इतिहास का पहला पन्ना रच दिया। 
  
यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के अलग होने के लिए पिछले 20 सालों से अभियान चला रहे  यू के आई पी नेता नाइगल फैरागे ने नतीजों को खास आदमी पर आम आदमी की जीत बताया है। उन्होंने कहा कि यह ब्रिटेन की दूसरी आजादी है।  

दूसरी ओर प्रधान मंत्री डेविड कैमरन ने जनमत संग्रह में पराजय को स्वीकार करते हुए अक्टूबर तक अपना पद छोड़ने का ऐलान कर दिया है। 

ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने की पुष्टि होने के साथ ही दुनिया भर के शेयर बाजारों में हाहाकार मच गया है। ये हाहाकार कई दिनों तक जारी रह सकते हैं। यूरोप ही नहीं दुनिया भर में इसके गंभीर परिणाम निकलेंगे। वित्तीय और आर्थिक तंत्र में बदलाव आएंगे। कुछ खास लोग जो अब तक अमीरी के शिखर पर थे पतन के शिकार होंगे । नए लोगों के लिए अमीरी के अवसर निकलेंगे। राजनीति और समाज पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा।

सबसे बड़ा प्रभाव यूरो जोन पर पड़ेगा । अब यह एक इकाई के रूप में नहीं रह जाएगा। एक एक कर अनेक देश इससे अलग होगें। इनके अलग होने से भारत सहित दुनिया के हर देश को इनके साथ अपने कारोबारी आर्थिक और सामाजिक सांस्कृतिक संबंध नए सिरे से तय करने होंगे। 

इतना ही नहीं यूरोप में जब 28 देशों का समूह टूट कर अलग होगा  तो इन देशों के अंदर अलग अलग इकाइयों के बीच विभाजन की प्रक्रिया भी तेज होगी। यानि ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने का श्रृंख्लाबद्ध असर सबसे पहले खुद ब्रिटेन में दिखेगा। ब्रिटेन के अलग अलग हिस्सों के लोग अपनी आजादी के लिए जनमत संग्रह की मांग उठाएंगे। मेरा आकलन और पूरा विश्वास है कि ब्रिटेन के विभाजन की प्रक्रिया बहुत जल्दी हमें देखने को मिलेगी। 

ब्रिटेन के बाद और कई अन्य देशों में हम विघटन देखेंगे।

 कैसे ? 

इसका जवाब समय देगा।

दरअसल जब सिर्फ स्वार्थ आधारित गठबंधन अस्तित्व में आता है तो स्वार्थ पूर्ति में कमी आने के साथ यह गठबंधन कमज़ोर होते - होते आखिरकार टूट जाता हैै। यूरोपीय संघ एक स्वार्थ आधारित गठबंधन है जिसमें सामूहिक तौर पर लाभ समाज के हर वर्ग तक नहीं पहुंचा है। आम आदमियों की जिन्दगी यूरो जोन के हर हिस्से में बेहतर नहीं हुई है। 

28 देशों का समूह बना कर समाज के गिने चुने उस वर्ग को फायदा हुआ  है जो संगठित और समृद्ध है। लंदन के लोग पहले से अधिक अमीर हुए हैं लेकिन वेल्स के लोगों को इसका लाभ नहीं मिला। इंगलैंड के अधिकांश लोगों की माली हालत पर कोई खास फर्क नहीं पड़ा।   यही स्थिति यूरो जोन के सभी सदस्य देशों की है। ऐसे में जिस रूप में पश्चिम एशिया का संकट बढ़ा है। दुनिया के संसाधनों पर कब्जे के लिए जो खींचतान हुई है,  उसका सीधा असर एशिया और अफ्रीका के देशों पर पड़ा है इन देशों के  के सामाजिक असंतुलन का प्रभाव उन पर पड़ना तय था जो इस असंतुलन के निर्माता हैं। 

जिस यूरोप के प्रभुओं ने पूरी दुनिया पर लंबे समय तक राज किया और वक्त बदलने पर एक ब्लाक के रूप में नए साम्राज्य की रूपरेखा बनाई उसका ढहना तय था। ऐसा नहीं होगा कि सीरिया में लोग भूख से बिलबिलाएंगे तो इसका असर यूरोप पर नहीं पड़ेगा। इराक, इरान अफगानिस्तान, लीबिया , नैरोबी, मिश्र में दर्द का तूफान उठेगा तो इसका असर यूरोप और अमरीका में दिखेगा ही। 

अमरीका में डोनाल्ड ट्रंप को जोकर मानने वाले लोग अब उन्हें गंभीरता से लेने लगे हैं। अमरीका के चुनाव में उनका राष्ट्रपति बनना मेरे आकलन के अनुसार तय है। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के साथ ही नए सिरे से यूरोप में बिखराव - विखंडन की प्रक्रिया और तेज होगी।

ब्रिटेन के जनमत संग्रह के नतीजे तो एक बड़े विखंडन की शुरुआत हैं। अंग्रेजी में कहें तो Tip of the iceberg.

यूरोप के नक्शे में बदलाव के लिए तैयार रहिए। छोटे छोटे अनेक देशों के स्वागत के लिए तैयार रहिए।

ब्रिटेन के लोगों दूसरी आजादी मुबारक 

सोमवार, 20 जून 2016

मुस्कान मेल वाट्स एप समूह की योजना

डॉ ज्ञान सिंह गौडपाल द्वारा  गठित AIG समूह की ओर से मुझे एक जिम्मेदारी दी गयी कि मैं प्रति दिन किसी विषय पर वायस मैसेज सुबह सुबह पोस्ट करूं।

15 मई से यह सेवा जानकी जयंती तिथि को शुरु होकर लगातार एक महीने चलती रही है। एक महीने तक इस प्रयोग के  बाद 17 जून से लेकर 22 जून का  अल्प विराम मैंने लिया है।

यह विराम सोच विचार कर कुछ योजनाओं को पूर्ण करने के लिए लिया गया था। लेकिन वह योजनाएं  परवान नहीं चढ़ीं।

दरअसल होता उतना ही है जितना रामजी चाहते हैं। रामजी की इच्छा नहीं थी कि मैं उन योजनाओं पर चलूं इसलिए परिस्थितियां कुछ ऐसी बनीं कि मन की बात मन में रहीं।

लेकिन ठीक है जितना हुआ उतना ही सही जो हो रहा है वही सही।

धारा के विपरीत तैर कर
आंधी के खिलाफ उड़ कर
अपनी शक्ति गंवाने से बेहतर है

धारा के साथ चलना आंधी की दिशा में बढ़ना

अब अगले बुधवार से दो दिवसीय यथा पिंडे तथा ब्रह्मांडे विषय पर बात करूंगा।

पहले दिन उमस का कारण और बचाव पर चर्चा होगी दूसरे दिन नद, नाद, नदी, नाड, नाड़ी, बंध, बांध पर चर्चा होगी।      

इन सबके अलावा वाट्स एप पर एक नया ग्रुप शुरु करने की योजना है। यह ग्रुप मुस्कान मेल के नाम से होगा। किसी उचित तिथि से इसकी औपचारिक शुरुआत होगी।

शेष शुभम..

कबीर जयंती और देव स्नान पूर्णिमा की शुभकामना :कबिरा खड़ा बाजार में लिए लुकाठी हाथ



आज 20 जून 2016 है।

देव स्नान पूर्णिमा तिथि ।

भारतीय समाज के मध्यकाल के अंधकारमय युग में

मानव समाज के   हर तरह के अंधेरे पक्ष को दूर करने वाले व्यक्ति

संत कबीर दास   की जयंती  है आज।

इस दिवस को हैप्पी बर्थ डे के रूप में कोई मना रहा है आज ?

बस समाज के एक सीमित तबके के लोग जो अपने आप को कबीर पंथी मानते हैं।

क्या बस इतने ही लोग ?

नहीं नहीं ......

कुछ और लोग तो होंगे जरूर

एक तो मैं ही हूं ।

और एक आप भी तो हैं ।।

और फिर तीसरे की जरूरत क्या है ??

तीसरा तो बाजीगर है।

बाजीगर डमरू बजा रहा है और डमरू के पीछे भीड़ खडी है।

डमरू की डिम, डिम मोहक है
बाजीगर की ता धिन आकर्षक है
और बाजीगर के इरादे भी तो नेक  हैं

क्या वाकई ???????

ऐसे में कबीर को भूल जाएं तो क्या बुरा है ?

वह कबीर जो खुले आम कहता है

अलख निरंजन लखे नहीं    

कबिरा खड़ा बाजार में लिए लुकाठी हाथ जो घर जारे आपना चले हमारे साथ

और भी बहुत कुछ कहता है कबीर

समकालीन समाज के हर अंधेरे पक्ष को चुनौती देता है

 अंधेरे को उजाले में बदलने की चाबी देता है

आइए

जब  देश और दुनिया में अंतर राष्ट्रीय योग दिवस की धूम है

तरह तरह के बाजीगर
अपने अपने डमरू के साथ योग बेचने और खरीदने में लगे हैं

वैसे माहौल में

योग के साधक कबीर को याद करें

कबीर .....जो हर युग में जन्म लेता है

कबीर..... जो तन मन के हर अंधकार को दूर कर सकता है
कबीर की उलट बांसियों को समझने की कोशिश कीजिए

कबीर से जुड़ियेगा ,

तो तन और मन की झीनी चदरिया को समझिएगा
इंगला पिंगला ताना भरनी को
अपने  सांसों की सरगम बना  कर
सुखमन तार से
अपने  तन को स्वस्थ बनाइगा
मन को हर पल आनन्दित रखिएगा

कबीर का तन 120 साल तक भारतीय समाज को रौशन करता रहा

उनकी साखियां और वचन
हर मानव तन
स्त्री-पुरुष को  120 साल तंदुरुस्त रखने में सक्षम हैं।

कबीर से जुड़िए

कबीर के साथ चलिए
अपनी सांसों की सरगम को छेड़िए
इड़ा पिंगला सुषुम्ना  साज़ पर..........

कबीर जयंती हम सबके लिए कल्याणकारी हो

Wish you all a very happy Kabir Jayanti. 

शनिवार, 4 जून 2016

जानकी जयंती 15 मई 2016 से शुरु हो गई ड्रीम द्वारका लोक सेवा

ड्रीम द्वारका परियोजना की लोकसेवा श्रीराम नवमी से शुरु करने की योजना थी । लेकिन ऐसा संभव हो नहीं सका। दरअसल रामजी जितना चाहते हैं जब चाहते हैं जिस रूप में चाहते हैं उससे अलग हम कुछ नहीं कर सकते हैं।

जिन मित्र ने ड्रीम द्वारका के लिए इंटरनेट दुनिया में तन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया था वह आश्वासन आज तक नहीं पूरा हुआ ।

मैं स्वयं वेबसाइट बना सकूं यह योग्यता नहीं ।  धन लगाकर इसे शुरु कर दूं वैसी परिस्थितियां अभी उपलब्ध नहीं । वैसे में चाहकर भी लोकसेवा की शुरुआत जिसरूप में मैं चाहता था उस रूप में नहीं कर पाया ।

लेकिन अद्भुत है प्रभु की लीला।

रामजी की जयंती से लोकसेवा शुरु करने की मेरी योजना थी। लेकिन यह योजना रामनवमी से नहीं शुरु हुई तो रामजी ने इसके लिए मां जानकी की जयंती से शुरु करना तय किया।  AIG  वाट्सएप समूह पर लोकसेवा की शुरुआत प्रतिदिन वायस मैसेज के रूप में हो गयी है। इस समूह के अलावा तीन और अन्य समूह जिसमें लगभग डेढ़ दो सौ लोग जुड़े हैं यह सेवा चल रही है। इसके अलावा मेरे कुछ अन्य मित्र परिचितों को भी दैनिक वायस मेल उपलब्ध कराया जा रहा है।

मजे की बात यह है कि जो कुछ मैं बोल रहा हूं उसे लोग पसंद कर रहे हैं और अलग अलग विषयों पर मांग कर रहे हैं कि मैं जानकारियां दूं।

तो जो मैं चाहता था,  वह तो नहीं हो  पाया लेकिन बिल्कुल मेरी इच्छाओं की पूर्ति के लिए मानो रामजी ने An Initiative Group के संचालक डॉ ज्ञान सिंह गौडपाल को मुझसे काम लेने के लिए प्रेरित किया और जानकी जयंती से प्रति दिन चुने हुए परिचित लोगों के लिए लोक सेवा की शुरुआत हो गयी है।

आज 04-6-16 है वट सावित्री त्यौहार है और वट सावित्री से एक दिन पहले से  दांपत्य जीवन और अपने संबंधो पर दो दिनों से मैं अपने विचार रख रहा  हूं ।    
यह सेवा किस रूप में आगे बढ़ेगी यह मैं नहीं जानता लेकिन विश्वास है कि रामजी जो भी करेंगे अच्छा ही करेंगे।

मैं आने वाले दिनों में इस ब्लाग को और आकर्षक बनाने का प्रयास करूंगा। अभी बस इतना ही।

जय सियाराम।